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लोग हुए बेताल से / जयकृष्ण राय तुषार
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,
10:27, 4 अक्टूबर 2010
इस मौसम की
<br />
बात न पूछो
<br />
लोग हुए बेताल से।
<br />
भोर नहायी
<br />
हवा लौटती
<br />
पुरइन ओढ़े ताल से।
<br />
चप्पा चप्पा
<br />
सजा धजा है
<br />
संवरा निखरा है
<br />
जाफरान की<br />
खुश्बू वाला<br />
हिमांशु Himanshu
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