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ख खेलें / लोग ही चुनेंगे रंग
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खराब ख
ख खुले
खेले राजा
खाएँ खाजा.
खराब ख
की खटिया खड़ी
खिटपिट हर ओर
खड़िया की चाक
खेमे रही बाँट.
खैर खैर
दिन खैर
शब खैर.
Pradeep Jilwane
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