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09:25, 10 अक्टूबर 2010 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=लाल्टू
|संग्रह=लोग ही चुनेंगे रंग / लाल्टू
}}
<poem>
'''1'''
फिर मिले
फिर किया वादा
फिर मिलेंगे.
'''2'''
बहुत दूर
इतनी दूरी से नहीं कह सकते
जो कुछ भी कहना चाहिए
होते करीब तो कहते वह सब
जो नहीं कहना चाहिए
आजीवन ढूँढते रहेंगे
वह दूरी
सही सही जिसमें कही जाएँगी बातें.