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फूलों का काँटों-सा होना/ उदयप्रताप सिंह
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16:23, 17 अक्टूबर 2010
दुनिया वालों की महफ़िल में पहली पंक्ति उन्हें मिलती है
जिनको आता है अवसर पर छुपकर
हँसाना
हँसना
बन कर रोना ।
Bharat wasi
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