गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पातल’र पीथल / कन्हैया लाल सेठिया
206 bytes added
,
20:22, 23 अक्टूबर 2010
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}
<
poem
Poem
>अरे घास री रोटी ही जद बन बिलावड़ो ले भाग्यो।
नान्हो सो अमर्यो चीख पड्यो राणा रो सोयो दुख जाग्यो।
हूं लड्यो घणो हूं सह्यो घणो
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,677
edits