गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
झिम्मा
60 bytes removed
,
18:53, 26 अक्टूबर 2010
माझ्या माहिरी मायबाई । डोळे लावुनी वाट पाही
तिला खुशाली सांगाया जा । माझ्या माहिरी पाखरा जा ।। हू हू ।।
www.khapre.org से प्रतिबिम्बित
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits