Changes

शब्द / कन्हैया लाल सेठिया

No change in size, 06:00, 1 नवम्बर 2010
नहीं पकड़ी
ऊपर उठी हुई अनुगूंजअनुगूँज
बहरे आकाश ने
लेकिन
पकड़ लिया उसे
गली में बैठे हुए
अंधे अँधे सूरदास ने ।
'''अनुवाद : मोहन आलोक'''
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,720
edits