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शकीरा का वाका वाका / कुमार सुरेश
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12:49, 7 नवम्बर 2010
रह-रह कर
लगातार
प्रज्वलित
प्रज्ज्वलित
होती हुई
एक आग
अचानक
सोंदर्य
सौंदर्य
की देवी
आ गई हो
मूर्ति से बाहर
जब शकीरा ने
वाका-वाका
किवा
किया
देखो
द्विजेन्द्र द्विज
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