Changes

|रचनाकार=गोपालदास "नीरज"
}}
{{KKCatKavita‎}}<poem>
आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन मेरा मन मेरा मन
 
बिना ही बात मुस्कुराये रे , मेरा मन मेरा मन मेरा मन
 
ओ री कली , सजा तू डोली
 
ओ री लहर , पहना तू पायल
 
ओ री नदी , दिखा तू दर्पण
 
ओ री किरण ओढा तू आँचल
 
इक जोगन हैं बनी आज दुल्हन
 
आओ उड़ जाए कही बन के पवन
 
आज मदहोश हुआ जाए रे , मेरा मन मेरा मन मेरा मन
 
शरारत करने को ललचाये रे, मेरा मन मेरा मन मेरा मन
 
 
ये, यहाँ हमे ज़माना देखे , आओ चलो कही छुप जाए
 
भीगा भीगा नशीला दिन है , कैसे कहो प्यासे रह पाये
 
तू मेरी मैं हू तेरा , तेरी कसम
 
मैं तेरी तू हैं मेरा , मेरी कसम
 
आज मदहोश हुआ जाए रे , मेरा मन मेरा मन मेरा मन
 
शरारत करने को ललचाये रे , मेरा मन मेरा मन मेरा मन
 
रोम रोम बहे सुर धारा , अंग अंग बजे शहनाई
 
जीवन सारा मिला एक पल मी , जाने कैसी घड़ी ये आयी
 
छू लिया आज मैंने सारा गगन
 
नाचे मन आज मोरा छूम छनन
 
आज मदहोश हुआ जाए रे , मेरा मन मेरा मन मेरा मन
 
शरारत करने को ललचाये रे , मेरा मन मेरा मन मेरा मन
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,129
edits