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रतनागर !/ कन्हैया लाल सेठिया
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11:24, 16 नवम्बर 2010
बणै मोती‘र हीरा
नही तो कुण कैंतो
कोरै ही लूण ने रतनागर
!
</Poem>
आशिष पुरोहित
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