{{KKGlobal}}
{{KKRachna
प्रेम की गर्दन जकड़कर
डर झूलता रहता है
अभागे लोग लटकते हैं लैंपपोस्ट से
गले में रस्सी डालकर
उनके साए में लुका-छिपी खेलते हैं कालाबाज़ारिये
सड़कों पर किलबिलाते हैं
वी डी, वेश्याओं वेश्याओं के दलाल और जेम्स बांड
भीड़ को ढकेल कर सायरन बजाती हुई
पुलिस गाड़ी चली जाती है
उसमें बैठी होती है पुलिस
उनके बूटों का रंग उनके होंठों की तरह काला है