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बुलावा / रमानाथ अवस्थी
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13:22, 21 नवम्बर 2010
रौशनी में स्नान करने के लिए
किन्तु तुम मुझको
भूलोगे
भूलाओगे
जहाँ
याद अपनी मैं दिलाऊंगा वहाँ
Kumar anil
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