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नदी कानून की, शातिर शिकारी तैर जाता है / ओमप्रकाश यती
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15:16, 22 नवम्बर 2010
यहाँ पर डूबता हल्का है भारी तैर जाता है।
उसे कब
ज़रूरत
नाव की, पतवार की
दरकार होती
है
ही नहीं उसको
निभानी है जिसे लहरों से यारी, तैर जाता है।
Omprakash yati
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