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रिश्तों का उपवन इतना वीरान नहीं देखा।हमने कभी बुजुर्गों घर के बूढ़ों का अपमान नहीं देखा। जिनकी बुनियादें ही धन्धों पर आधारित हैंऐसे रिश्तों को चढ़ते परवान नहीं देखा।
जिनकी बुनियादें ही धन्धों पर आधारित हैंकोई तुम्हारा कान चुराकर भाग रहा, सुनकर ऐसे रिश्तों को चढ़ते परवान उसके पीछे भागे ,अपना कान नहीं देखा। देखा
गिद्धों के ग़ायब होने की चिन्ता है उनकोहमने मुद्दत से कोई इंसान नहीं देखा। दो पल को भी बैरागी कैसे हो पाएगाउसका मन , जिसने जाकर शमशान नहीं देखा।
दिल से दिल के तार मिलाकर जब यारी कर ली
हमने उसके बाद नफ़ा–नुक़सान नहीं देखा।
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