* [[गर्म लोहा पीट, ठंडा लोहा पीटने को वक्त बहुतेरा पड़ा है / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[पीठ पर धर बोझ, अपनी राह नापूँ / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[इस रुपहरी चाँदनी में सो नहीं सकतीपखेरू सकते पखेरू और हम भी / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[आज चंचला की बाहों में उलझा दी हैं बाहें मैंने / हरिवंशराय बच्चन]]
* [[साथ भी रखता तुम्हें तो, राजहंसिनि / हरिवंशराय बच्चन]]