डीजल आवै दूने दाम / जगदीश पीयूष

डीजल आवै दूने दाम।
बिजुरी होइगै जै जै राम॥

लरिका पांवें नाहीं सेवईं औ खीर राम जी।
मंहगी होइगै हमरी गटई कै जंजीर राम जी॥

बिना दूध घिव प्याज।
गामा कर थें रियाज॥

होइगे धन्ना सेठ कौड़ी कै फकीर राम जी।
मंहगी होइगै हमरी गटई कै जंजीर राम जी॥

महंगी होइगै चिल्ला जाड़ा।
लरिका कैसे पढ़ै पहाड़ा॥

लिखी गदहा के गोड़े तकदीर राम जी।
मंहगी होइगै हमरी गटई कै जंजीर राम जी॥

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.