Last modified on 2 फ़रवरी 2011, at 16:27

विश्वयुद्ध / अम्बिका दत्त


यह आवश्यक तो नहीं
कि सभी युद्धों का आधार
सिर्फ घृणा हो
क्या प्रेम की महती आकांक्षाओं के लिये
निर्णायक युद्ध नहीं लड़े जा सकते ?

पूर्णता से परिपूरित
ओ गंधाश्वरोहियों !
आओ
प्रेम की उदात्त भावनाओं से प्रेरित
एक घमासान विश्वयुद्ध रचें
‘अप्रेम’ के खिलाफ।