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चीशें
मंत्रीजी की सबसे छोटी संतान
एक दो साल की बच्ची है .
विश्वविद्यालय का लम्बा छात्र
एक ऊंचे वृक्ष सा लगता है
चीशें को .
उसकी टाँगे हैं वृक्ष का तना,
और उसकी बाहें ,- शाखाएं !
चढ़ते हुए ऊपर और ऊपर
जब तक पहुँचती है वह शीर्ष तक .
हम देखते हैं उसे थाम साँसे,
वह उतरती है भाई से नीचे
टाँगे लिपटाये
और हम सब बजाते हैं ताली .
चीशें की आँखों से झलकता है -
वृक्ष पर चढ़ना आसन हैं उसके लिए
यह इश्वर का वरदान है !
अनुवादक: मंजुला सक्सेना