Last modified on 29 नवम्बर 2010, at 05:54

वृक्ष / संतोष मायामोहन

वृक्ष सौंपता है पत्ते
सृजित होते हैं-
नव पल्लव ।
मैं सौंपती हूं देह
पाती हूं नवीन देह-धर !

अनुवाद : नीरज दइया