जड़ता से तिड़ककर
टकराकर
नीली पीलाई से निकल भाग
दौड़ता है तेज़
एक आग जीने की
दहकती फुफकारती भी जोड़ती है
जो रोशनी फुदकती है
फूल की तितली की तरह
ज़िन्दगियाँ बो जाती हैं
चंदन-सी घिस-घिसकर
उगती हैं महकते पहाड़-सी
जड़ता से तिड़ककर
टकराकर
नीली पीलाई से निकल भाग
दौड़ता है तेज़
एक आग जीने की
दहकती फुफकारती भी जोड़ती है
जो रोशनी फुदकती है
फूल की तितली की तरह
ज़िन्दगियाँ बो जाती हैं
चंदन-सी घिस-घिसकर
उगती हैं महकते पहाड़-सी