सड़क के किनारे
चाय की दूकान
और एक बच्चा...
दूकान पर अपने पिता की जगह
किसी और को बैठा देखता है
उसे नहीं पता
उसका पिता कैसे
और क्यों मारा गया
पहचान खो चुकी
अपनी अधजली मां को
वह दूकान की नल पर ढूंढ़ता है
और पावरोटी मांगता है...
मां कहती है
अब पावरोटी के टुकड़ों पर
तुम्हारे बाप का नहीं
दूकान मालिक का नाम
और तुम्हारे दिन भर का काम लिखा है
चल गिलास ले जाकर जगह पर रख...
बच्चा रोता है
मां डराती है...
चुप कर... वे दरिंदे फिर आएंगे