वो जलती दुपहरी वो ठिकाना क्या था
पोखर ही में वो सब का नहाना क्या था
छतनार की छाया में वो सब का मिलना
वो गांव का, बचपन का ज़माना क्या था।
वो जलती दुपहरी वो ठिकाना क्या था
पोखर ही में वो सब का नहाना क्या था
छतनार की छाया में वो सब का मिलना
वो गांव का, बचपन का ज़माना क्या था।