वो हमसे अनजान रहे
जिनकी हम पहचान रहे
वो मेरा अरमान रहे
मेरी ये पहचान रहे
दोनों की पहचान रहे
ऐसा कुछ दरम्यान रहे
दुनिया तब तक दाना थी
जब तक हम नादान रहे
दोनों चुप थे यानी वो
दोनों एक जुबान रहे
वो हमसे अनजान रहे
जिनकी हम पहचान रहे
वो मेरा अरमान रहे
मेरी ये पहचान रहे
दोनों की पहचान रहे
ऐसा कुछ दरम्यान रहे
दुनिया तब तक दाना थी
जब तक हम नादान रहे
दोनों चुप थे यानी वो
दोनों एक जुबान रहे