वार्तिक:
हम लोगों का नाम में कितना शक्ति है। ब्रह्मा चाहे आसाम से रुपया भेजने के लिये पोस्ट आफिस में जाते हैं। तो रुपैया को नाम 10 चाहे 20 पाने वाला का नाम, बस्ती का नाम, पोस्ट को नाम, जिला को नाम, भेजनेवाले को नाम बड़ा को नाम, पोस्ट को नाम, जिला को चिट्ठी में नाम, तार में नाम, रसीद में नाम, दस्तावेज में नाम, रजिस्टरी में नाम, नौकरी में नाम, साइन बोर्ड में नाम, पोखरा में नाम, इनार में नाम, मर जाने पर वल्द का नाम, पिन्डा में पित्र को नाम मुझे मालूम होता है जे तमाम नाम से काम होता है।
-श्री तुलसी कृत में देखिये
चौपाई
नाम प्रसाद संभु अबिनासी. साजु अमंगल मंगल रासी॥
सुक सनकादि सिद्ध मुनि जोगी। नाम प्रसाद ब्रह्मसुख भोगी॥
नारद जानेउ नाम प्रतापू। जग प्रिय हरि हरिहर प्रिय आपू॥
नामु जपत प्रभु कीन्ह प्रसादू। भगत सिरोमनि भे प्रहलादू॥
धुवँ सगलानि जपेउ हरि नाऊँ। पायउ अचल अनुपम ठाऊँ॥
सुमिरि पवनसुत पवन नामू। अपने बस करि राखे रामू॥
अपतु अजामिलु गजु गनिकाऊ। भए मुकुत हरि नाम प्रभाऊ॥
कहौं कहाँ लगि नाम बड़ाई. राम न सकहिं नाम गुन गाई॥
रा।च।मा।, बा। काण्ड 16
दोहा
नामु राम को कलपतरू, कलि कल्यान निवासु।
जो सुमिरत भयो भाग तें, तुलसी-तुलसी दासु॥
रा।च।मा।, बा। काण्ड 21