काली दानव सी
चिमनियों में
पसीने,
रात की शराब के भभके,
मशीनी घर्षण की दुर्गन्ध
के बीच
तंग मटीले घरों से आए
अधभूखे अधसोए
काम करते
सहमे मजदूरों का
बचाखुचा खून
तिजोरियों में
जमा होता रहता है
और एक दिन
ऐसे में ही
कोई मजदूर
शोषण भट्टी में
खौलते खून से
कर देता है
प्रतिकार का शंखनाद
एक नई दुनिया के लिए !!