न दो अपने शब्दों में चाहे
जगह थोड़ी-सी
कहीं मिल जाए उनके बीच-
वहीं रह लूंगा।
आँख भर देख लेना बस
कभी चुपचाप
बाक़ी सभी को मुखरित करते हुए-
सहारे उसके
मैं सारा जीवन ख़ामोशी सह लूंगा
कहना होगा जो तुम्हें
गुमसुम ही कह लूंगा।
न दो अपने शब्दों में चाहे
जगह थोड़ी-सी
कहीं मिल जाए उनके बीच-
वहीं रह लूंगा।
आँख भर देख लेना बस
कभी चुपचाप
बाक़ी सभी को मुखरित करते हुए-
सहारे उसके
मैं सारा जीवन ख़ामोशी सह लूंगा
कहना होगा जो तुम्हें
गुमसुम ही कह लूंगा।