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शब्दों को खतरा है / सुनीता जैन

शब्दों को खतरा है
शब्दों से

रखो उन्हें हड्डी-सा भीतर
चाम मौन की मढके

बचे रहे कुछ तो ही
तो कह पाएँगे?

भीतर की खंदक में
गंधक कर उनको
ढलने दो लावे में

ये जिनके हथकण्डे हैं,
सीखो तुम भी कुछ
उनसे

शब्दों को खतरा है
शब्दों से!