Last modified on 18 जुलाई 2010, at 04:39

शब्द-१ / ओम पुरोहित ‘कागद’

युद्ध में
मानव की
लगातार हार के बाद भी
शेष हैं
शब्द
दिपते
सूरज की तरह
सहयोगार्थ
प्रीत की रीत
फ़ैलाने !

अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"