मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: इवान बूनिन  » संग्रह: चमकदार आसमानी आभा
»  शब्द

मौन हैं समाधियाँ और क़ब्रें
चुप हैं शव और अस्थियाँ
सिर्फ़ जीवित हैं शब्द झबरे

अँधेरे में डूबे हैं महीन
यह दुनिया क़ब्रिस्तान है
सिर्फ़ शिलालेख बोलते हैं प्राचीन

शब्द के अलाबा ख़ास
और कोई सम्पदा नहीं है
हमारे पास

इसलिए
सम्भाल कर रखो इन्हें
अपनी पूरी ताक़त भर
इन द्वेषपूर्ण दुःख-भरे दिनों में

देना न इन्हें कहीं तुम फेंक
बोलने की यह ताक़त ही
हमारी अमर उपलब्धि है एक

(07 जनवरी 1915, मस्कवा)

मूल रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.