एक
शब्द
बीज होना चाहते हैं
उगाना चाहते हैं पेड़
कविताओं के
पर कहाँ बचे हैं वे शब्द
जो बनें बीज
उगाए पेड़ कविताओं के
दो
तुमने !
शब्द नहीं
मुझे तोड़ा है
कर दिया
अर्थहीन...
तीन
यह केवल शब्द नहीं
अर्थ है मेरा
अगर पा सको...
चार
कुछ शब्दों की देह
सिर्फ इसलिए ज़िन्दा दिखा देती है
क्योंकि वे शब्द की परिभाषा में हैं
अपने हर अर्थ में
पूर्णतया मरे हुए...