क्रांति हथियार से नहीं
शब्दों से आती है
और दूरगामी असर छोड़ जाती है
क्योंकि ये उन हथियार के
जंग को साफ करती है
जो जंग के ख़िलाफ लड़ते हैं
दुश्मन के सर को
मूंग से दलते हैं
इसलिए शब्द वही
जो शब्दभेदी हो
सामाजिक परिवर्तन में
अन्याय के दमन में
वरना शब्द शब्द नहीं
कोरे कागज पर लिखा अक्षर है
जो लिखते ही मर जाता है
इतिहास बदलने वाला
उठ नहीं पाता है
क्योंकि सिर्फ शब्द जरूरी नहीं
उसकी जीवंतता जरूरी है
जो समय की जरूरत
बदलाव की धुरी है...