शब्द तुम
कहाँ चले गए?
पता ही नहीं चला…
गायब हो गए
कहाँ,
आधी रात के बाद
कौन से दरवाज़े, जाने
खुलते हैं, तुम्हारे लिए
और,
किस घर में जाने
अब तुम दस्तक देते हो
तरह-तरह के स्वांग
रचाने लगे हो
कब तक यूँ ही, / छलते रहोगे मुझे तुम
अब तो मैं भी,
तुम्हारी उम्र का हो गया हूँ .