अभी-अभी
महामहिम ने
संस्कृति उगली
कवि ने
आगे बढ़कर
उसे रुमाल पर लिया
और तुकबन्दी के पीकदान में
सहेज लिया
शब्द हे !
क्या तुम सचमुच ढल गये
एक बार
फि---र
हमें छल गये।
अभी-अभी
महामहिम ने
संस्कृति उगली
कवि ने
आगे बढ़कर
उसे रुमाल पर लिया
और तुकबन्दी के पीकदान में
सहेज लिया
शब्द हे !
क्या तुम सचमुच ढल गये
एक बार
फि---र
हमें छल गये।