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शहर-2 / जय राई छांछा

सुंदर-सुंदर सपने बाँटते
भाषणों की बाढ़ चलती है
शहर में

लेकिन चिडियों को भाषण
बिल्कुल पसंद नहीं

इसलिए
शहर के आसमान पर
चिडियाँ नहीं उडतीं ।


मूल नेपाली से अनुवाद : अर्जुन निराला