इस बाल्कोनी के नीचे से
इस गली में से
दुलकी चाल में गुज़रेंगे
नीली पीठों वाले घोड़े
ख़ाली शहर उनकी टापों से नहीं गूँज रहा होगा
एक स्वप्न के आलोक में
— इसी
बाल्कोनी से —
उनमें से एक
उन्हें देखेगा
एक अन्य स्वप्न में विलीन होते हुए
इस बाल्कोनी के नीचे से
इस गली में से
दुलकी चाल में गुज़रेंगे
नीली पीठों वाले घोड़े
ख़ाली शहर उनकी टापों से नहीं गूँज रहा होगा
एक स्वप्न के आलोक में
— इसी
बाल्कोनी से —
उनमें से एक
उन्हें देखेगा
एक अन्य स्वप्न में विलीन होते हुए