Last modified on 26 नवम्बर 2017, at 13:41

शाम - 1 / रुस्तम

 
एक फूल
मेरे कमरे में था।

शाम थी, और एक फूल
मेरे कमरे में चला आया था।

उसे
मेरी इन्द्रियों को छूना था।

हाँ, उस शाम
एक फूल
मेरी नाभि पर
झुकने वाला था।

शाम ढल रही थी,
और उसका दंश
मेरी नाभि में

चुभने-
चुभने को था।