शायद अनगिनत किरनें
मेरे कंधों पर
भारी शहतीरों की तरह रखी हुई हैं
मैं उन्हें देख नहीं पाता
लेकिन खड़े होते ही
हड्डियों को तोड़ने वाला दर्द महसूस करता हूँ ।
शायद अनगिनत किरनें
मेरे कंधों पर
भारी शहतीरों की तरह रखी हुई हैं
मैं उन्हें देख नहीं पाता
लेकिन खड़े होते ही
हड्डियों को तोड़ने वाला दर्द महसूस करता हूँ ।