उमा संग शंकर केॅ पुजबनि पागल प्रेम मगनमा,
गंगा जल भरि भार चढ़यबनि लेप देवेनि चंदनमा।
आक धतूर बेल पातक संग सजि-सजि सुभग सुमनमा,
दारूण दुर्दिन दीप जरा कऽ दुःखक धूप धुमनमा।
उमा संग...
अक्षत छीटि दूभिसँ झपवनि सुन्नर गोर बदनमा,
नीलकंठ केॅ भोग लगयबनि अमरित कनमा-कनमा।
उमा संग...
श्रद्धा सागरक बीच विश्वासक राखब मेरू मथनमा,
केशर कुमकुम कस्तूरी सँ गमका देबनि भवनमा ।
उमा संग...
छम-छम नाचि नचारी सुनयबनि माँ गौरीक अंगनमा,
आशुतोष तैयो नहि ढ़रता तऽ खसि पड़ब चरणनमा ।
उमा संग...