Last modified on 1 अप्रैल 2011, at 01:01

शिशिर में भवाली / रमेश कौशिक

घाटियों की बाल्टी में
बर्फ़
जैसे सर्फ़

अभी कुछ देर में
वह
नभ से उतर कर आयेगी
शिखर के कंगूरों
तरुवरों
घर की छतों पर
कड़े सुखाएगी