रक्त-रंजित 
इस शती का वर्ष अंतिम 
शक्ति-पूजा का 
तपस्या-साधना का वर्ष हो ! 
 
आगत शती में 
जय मनुजता की दनुजता पर 
सुनिश्चित हो, 
प्रत्येक मुख पर 
सिद्धि की उपलब्धि का 
अंकित 
सरल-सुन्दर हर्ष हो ! 
 
मानव-हृदय से 
दुष्टता, पशुता, निठुरता दूर हो, 
हिंसा-दर्प सारा चूर हो; 
दृष्टि में ममता भरी भरपूर हो ! 
हर व्यक्ति दूषित वृत्तियाँ त्यागे, 
परस्पर प्रेम हो 
सद्भावना जागे ! 
हर व्यक्ति को हो प्राप्त 
नव-बुद्धत्व 
मानस-तीर्थ। 
आत्मा का सतत उत्कर्ष हो ! 
शुभ-कामनाओं से भरा नव वर्ष हो !