यह समय
घनीभूत पीड़ा का है
और झुके हुए सिर
इसकी
गवाही दे रहे हैं
तूफान से पहले की नहीं
तूफान के बाद की शांति है ये
अवसाद के इस क्षण में
शोक मुझको भी है
शोक
उसका नहीं उतना
जो खो गया
शोक उसका
जो खो जायेगा एक दिन
यूं ही सिर झुकाये ...