रात रोटी बनी
मेरी देह बोटी बनी
दफ़्तर की ओ.टी. बनी
गाँधी की लँगोटी बनी
मैं रात रोटी बनी
सुबह चिकोटी बनी
खाट से खोटी बनी
काम की गोटी बनी!
रात रोटी बनी
मेरी देह बोटी बनी
दफ़्तर की ओ.टी. बनी
गाँधी की लँगोटी बनी
मैं रात रोटी बनी
सुबह चिकोटी बनी
खाट से खोटी बनी
काम की गोटी बनी!