अम्बानी कम्पनी आगी, हमनै चूट-चूट कै खागी
अमीर हुए घणे अमीर, यो मेरा अनुमान सै॥
मोदी सरकार नै गोड्डे टेक दिये,
साधन अम्बानी आगै फेंक दिए,
अडानी देखो साथ मैं रलगे, कारपोरेट कै घी के दीवे बलगे
संघर्ष बदलैगा तदबीर, यो किसानों का ऐलान सै॥
पहली चोट मारी रूजगार कै, हवालै कर दिये सां बाज़ार कै
निजीकरण मुहिम चलाई क्यों, मासूम जनता आज भकाई क्यों
या गई कड़ै थारी जमीर, घणा मचाया घमसान सै॥
म्हारी खेती कती बरबाद करदी,
ये तीन काली कानून पास करदी
किसानों नै ली आज अंगड़ाई रै,
नारा कानून वापिस कराई रै
घाली गुरबत की जंजीर, दिल्ली मैं छारया किसान सै॥
या सल्फाश की गोली सत्यानासी,
हर दूजे घर मैं ल्याई थी उदासी
एकजुट हिंदुस्तान का देखो किसान, साथ खड़या हुया हर कमेरा इंसान,
लिखै साची सै रणबीर, नहीं झूठा बखान सै॥