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श्याम चिरइया / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

श्याम चिरइया चूं-चूं चूं
मोती पिल्ला कूँ-कूँ कूँ
सोनू तोता रटता है
बन्दर खों-खों करता है
बिल्ली कहती म्याऊँ म्याऊँ
दूध पिलाओ तो मैं आऊँ
मेंढक बोला टर-टर टर
नहीं किसी का मुझकों डर
अपनी अपनी बोली बोलो
पर बोली में अमृत घोलो