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श्रमिक बोल / भोजपुरी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

१.
बोली-बोलऽ, चोली खोलऽ,
चोली के भीतर, लाल कबूतर,
खाए के मांगे, सबुज दाना,
धर-धर लेइयें पर, पांजर मोटा,
खइबऽ सोटा, धर धरेसी,
ध के पेसी, पेसन वाला,
है मतवाला, ढिलवा भैया,
करे ढिलाई, ओकर मउगी, करे सगाई।

२.
हाथ भरो जी - हैसा,
जोर करो जी - हैसा,
जोर जुगुती - हैसा,
हो छुट्टी - हैसा,
छुट्टी होना - हैसा,
मौज उड़ाना - हैसा,
मौजेदारी - हैसा,
साव मदारी - हैसा,
घाम-घमैला- हैसा।