तुम बुनती हो
एक स्वेटर
किसी को ठण्ड से बचाने को
और
मैं रचता हूँ
एक कविता
ठण्ड को ख़त्म करने को ।
गर्म रखना चाहती हो तुम
और
गर्म करना चाहता हूँ मैं भी ।
कमतर ठहराता है जो
तुम्हारे काम को
ज़रूर कोई षड्यन्त्र करता है ।
तुम बुनती हो
एक स्वेटर
किसी को ठण्ड से बचाने को
और
मैं रचता हूँ
एक कविता
ठण्ड को ख़त्म करने को ।
गर्म रखना चाहती हो तुम
और
गर्म करना चाहता हूँ मैं भी ।
कमतर ठहराता है जो
तुम्हारे काम को
ज़रूर कोई षड्यन्त्र करता है ।