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संग न छाँडौं मेरा / दादू दयाल

राग: गौरी

संग न छाँडौं मेरा पावन पीव।
मैं बलि तेरे जीवन जीव॥टेक॥

संगि तुम्हारे सब सुख होइ।
चरण-कँवलमुख देखौं तोहि॥१॥

अनेक जतन करि पाया सोइ।
देखौं नैनौं तौ सुं होइ॥२॥

सरण तुम्हारी अंतरि बास।
चरण-कँवल तहँ देहु निवास॥३॥

अब दादू मन अनत न जाइ।
अंतर बेधि रह्यो लौ लाइ॥४॥