सन्डे जी ओ सन्डे जी,
अच्छे-अच्छे सन्डे जी।
सबको छुट्टी दिलवाते है,
सबके प्यारे सन्डे जी।
जल्दी उठने की नौबत से,
आज सवेरे बचते जी।
कभी पकौड़ी कभी चाट
कभी खीर-जलेबी बनते जी।
मौज मनाते खाते-पीते,
हम रसगुल्ले ठंडे जी।
संडे जी ओ संडे जी।
सन्डे जी जब आते हो,
खेल तमाशे लाते हो।
टी.वी., रेडियो के गानों से,
सबका मन बहलाते हो।
आज नही पड़ते है दिनभर,
हमको ‘सर’ के डन्डे जी।
सन्डे जी ओ सन्डे जी,
अच्छे-अच्छे सन्डे जी।