घोंघे का अपने ही घर में
दुबके रहना !
किसी के लिए ढोंग,
तो
किसी के लिए मज़बूरी...
ख़ुद उसके लिए ?-
प्रकृति और परिवेश का
अनोखा सम्बन्ध ।
घोंघे का अपने ही घर में
दुबके रहना !
किसी के लिए ढोंग,
तो
किसी के लिए मज़बूरी...
ख़ुद उसके लिए ?-
प्रकृति और परिवेश का
अनोखा सम्बन्ध ।