डाल पर दो फूल खिलते साथ ही जो
टूटने के बाद उनके हो गए जब स्थान दो,
जिनमें नहीं समता कहीं भी.
क्या परस्पर वहाँ
कुछ भी शेष रह जाती न ममता,
सूख जाते स्नेह के सब स्रोत?
क्या सभी संबंध उनके
टूट जाते हैं इसी से?
डाल पर दो फूल खिलते साथ ही जो
टूटने के बाद उनके हो गए जब स्थान दो,
जिनमें नहीं समता कहीं भी.
क्या परस्पर वहाँ
कुछ भी शेष रह जाती न ममता,
सूख जाते स्नेह के सब स्रोत?
क्या सभी संबंध उनके
टूट जाते हैं इसी से?